Nag Panchami Kab Hai | क्यों और कैसे मनाया जाता है नागपंचमी का त्योहार?

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Nag Panchami Kab Hai:-क्यों और कैसे मनाया जाता है नागपंचमी का त्योहार?: नाग पंचमी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन माह की शुक्ल पक्ष के पंचमी को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता या सर्प की पूजा की जाती है और उन्हें दूध से स्नान कराया जाता है। लेकिन कहीं-कहीं दूध पिलाने की परम्परा चल पड़ी है। नाग को दूध पिलाने से पाचन नहीं हो पाने या प्रत्यूर्जता से उनकी मृत्यु हो जाती है। शास्त्रों में नागों को दूध पिलाने को नहीं बल्कि दूध से स्नान कराने को कहा गया है।

Nag Panchami Kab Hai?

Why and how is celebrated the festival of Nagapanchami
Why and how is celebrated the festival of Nagapanchami

नागपंचमी के ही दिन अनेकों गांव व कस्बों में कुश्ती का आयोजन होता है जिसमें आसपास के पहलवान भाग लेते हैं। गाय, बैल आदि पशुओं  को इस दिन नदी, तालाब में ले जाकर नहलाया जाता है। इस दिन अष्टनागों की पूजा की जाती है।

कब मनाया जाता है नागपंचमी: सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी को नागदेव का पूजन करने की परंपरा है। पंचमी तिथि 9 अगस्त रात12:36 AM बजे शुरू होगी तथा 10 अगस्त रात 03:14 AM बजे तक रहेगी। नाग पंचमी साल 2024 में 9 अगस्त की सुबह 5 बजे से लेकर 8 बजे तक रहेगा। इस दिन पूजा के लिए 3 घंटे की अवधि मिलेगी।

 

Nag Panchami Ki Puja Kaise Karte Hain?

नागपंचमी कि पूजन-विधि:

प्रातः उठकर घर की सफाई कर नित्यकर्म से निवृत्त हो जाएँ।

पश्चात स्नान कर साफ-स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

पूजन के लिए सेंवई-चावल आदि ताजा भोजन बनाएँ। कुछ भागों में नागपंचमी से एक दिन भोजन बना कर रख लिया जाता है और     नागपंचमी के दिन बासी खाना खाया जाता है।

इसके बाद दीवाल पर गेरू पोतकर पूजन का स्थान बनाया जाता है। फिर कच्चे दूध में कोयला घिसकर उससे गेरू पुती दीवाल पर घर जैसा      बनाते हैं और उसमें अनेक नागदेवों की आकृति बनाते हैं।

कुछ जगहों पर सोने, चांदी, काठ व मिट्टी की कलम तथा हल्दी व चंदन की स्याही से अथवा गोबर से घर के मुख्य दरवाजे के दोनों बगलों में       पाँच फन वाले नागदेव अंकित कर पूजते हैं।

सर्वप्रथम नागों की बांबी में एक कटोरी दूध चढ़ा आते हैं।

और फिर दीवाल पर बनाए गए नागदेवता की दधि, दूर्वा, कुशा, गंध, अक्षत, पुष्प, जल, कच्चा दूध, रोली और चावल आदि से पूजन कर          सेंवई   व मिष्ठान से उनका भोग लगाते हैं।

पश्चात आरती कर कथा श्रवण करना चाहिए।

पूरे श्रावण माह विशेष कर नागपंचमी को धरती खोदना निषिद्ध है। इस दिन व्रत करके सांपों को खीर खिलाई व दूध पिलाया जाता है। कहीं-   कहीं सावन माह की कृष्ण पक्ष की पंचमी को भी नाग पंचमी मनाई जाती है। इस दिन सफेद कमल पूजा में रखा जाता है।

festival of Nagapanchami
festival of Nagapanchami

 महोत्सव कहाँ मनाया जाता है?:

भारत के अलग- अलग प्रांतों में इसे अलग- अलग ढंग से मनाया जाता है.

भारत के दक्षिण महाराष्ट्र और बंगाल में इसे विशेष रुप से मनाया जाता है. पश्चिम बंगाल, असम और उडीसा के

कुछ भागों में इस दिन नागों की देवी मां मनसा कि आराधना की जाती है. केरल के मंदिरों में भी इसदिन शेषनाग की विशेष पूजा अर्चना की   जाती है. . मध्य भारत में, नागपुर में, महाराष्ट्र राज्य के सांपों की विशेष पहचान है। शहर का नाम नाग शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ है   सांप, क्योंकि यह स्थान सांपों से पीड़ित था। नागपुर ‘नागा’ लोगों की मातृभूमि थी, जिन्होंने बौद्ध धर्म ग्रहण किया, अपने शुरुआती समय में   बड़े प्रयासों के साथ इसका समर्थन किया और पूरे भारत में इसका प्रचार किया। महल में नागोबा मंदिर है जहाँ नाग पंचमी के दिन पूजा की   जाती है; यह मंदिर नीम के पेड़ के नीचे “नागोबा का कोटा” के नाम से जाना जाता है, एक मंच के नीचे पाया गया था। इस अवसर पर   आयोजित एक और महत्वपूर्ण घटना एक कठिन ट्रेकिंग तीर्थ यात्रा है जिसे नागद्वार यात्रा के रूप में पचमढ़ी के रूप में जाना जाता है। इस   अवसर पर सांप भगवान को प्रसाद के रूप में तैयार किया जाता है। एक कडाई में पकाया जाता है।

why donate milk to snakes
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Nag Panchami ki Puja kyu ki jati hai?

क्यों करते हैं नाग पंचमी पूजा:- नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा करने के उपरोक्त धार्मिक और सामाजिक कारण तो हैं ही साथ ही इसके ज्योतिषीय कारण भी हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में योगों के साथ-साथ दोषों को भी देखा जाता है। कुंडली के दोषों में कालसर्प दोष एक बहुत ही महत्वपूर्ण दोष होता है। काल सर्प दोष भी कई प्रकार का होता है। इस दोष से मुक्ति के लिये भी ज्योतिषाचार्य नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा करने के साथ-साथ दान दक्षिणा का महत्व बताते हैं।

Nagapanchami puja
Nag Panchami Kab Hai

Nag Panchami Ki Katha

कथा:-किसी राज्य में एक किसान अपने दो पुत्र और एक पुत्री के साथ रहता था. एक दिन खेतों में हल चलाते समय किसान के हल के नीचे आने से नाग के तीन बच्चे मर गयें. नाग के मर जाने पर नागिन ने शुरु में विलाप कर दु:ख प्रकट किया फिर उसने अपनी संतान के हत्यारे से  बदला लेने का विचार बनाया

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रात्रि के अंधकार में नागिन ने किसान व उसकी पत्नी सहित दोनों लडकों को डस लिया. अगले दिन प्रात: किसान की पुत्री को डसने के लिये   नागिन फिर चली तो किसान की कन्या ने उसके सामने दूध का भरा कटोरा रख दिया. और नागिन से वह हाथ जोडकर क्षमा मांगले लगी.   नागिन ने प्रसन्न होकर उसके माता-पिता व दोनों भाईयों को पुन: जीवित कर दिया.

Why and how is celebrated the festival of Nagapanchami
Naga Panchami

उस दिन श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि थी. उस दिन से नागों के कोप से बचने के लिये इस दिन नागों की पूजा की जाती है. और   नाग -पंचमी का पर्व मनाया जाता है.

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