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एचआईवी और एड्स: महिलाओं के लिए रोकथाम और लक्षणों की पूरी जानकारी

एचआईवी और एड्स क्या है?:-एचआईवी (ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस) एक घातक वायरस है जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है और उपचार न मिलने पर एड्स (एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम) में बदल सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 2025 तक दुनिया भर में 38 मिलियन से अधिक लोग एचआईवी से संक्रमित हैं, जिनमें से लगभग 19 मिलियन महिलाएँ हैं।

एचआईवी मुख्य रूप से संक्रमित रक्त, वीर्य (सीमन) और योनि स्राव (वेजाइनल फ्लूइड) के संपर्क में आने से फैलता है। महिलाओं में यह संक्रमण आमतौर पर असुरक्षित यौन संबंधों और संक्रमित सुइयों के उपयोग के कारण होता है।

 

एचआईवी / एड्स होने के प्रमुख कारण

एचआईवी संक्रमण कई कारणों से हो सकता है, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

1. असुरक्षित यौन संबंध

  • असुरक्षित योनि, गुदा या मौखिक (ओरल) सेक्स के दौरान एचआईवी का खतरा बढ़ जाता है।
  • अगर मुंह में कोई कट या घाव हो, तो ओरल सेक्स से भी संक्रमण हो सकता है।

2. संक्रमित सुइयों या रक्त का उपयोग

  • संक्रमित सुई या इंजेक्शन से एचआईवी फैल सकता है।
  • असुरक्षित ब्लड ट्रांसफ्यूजन (रक्त आधान) से भी संक्रमण संभव है।

3. माँ से बच्चे में संक्रमण

  • गर्भावस्था, प्रसव या स्तनपान के दौरान एचआईवी संक्रमित माँ से बच्चे में संक्रमण हो सकता है।
  • एंटीरेट्रोवायरल (ARV) दवाओं का सही उपयोग करके इस संक्रमण को रोका जा सकता है।
What Every Girl Needs To Know About HIV And AIDS Prevention And Control Act
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महिलाओं में एचआईवी के शुरुआती लक्षण

एचआईवी संक्रमण के लक्षण 2-4 हफ्तों के भीतर दिखाई दे सकते हैं, लेकिन कुछ मामलों में यह वर्षों तक पता नहीं चलता।

प्रमुख लक्षण:

  1. लगातार बुखार और ठंड लगना
  2. शरीर पर लाल चकत्ते (रैशेज)
  3. सिरदर्द और गले में खराश
  4. लिम्फ नोड्स में सूजन
  5. अत्यधिक थकान और कमजोरी

कम सामान्य लक्षण:

  1. मुँह के छाले और यीस्ट संक्रमण
  2. लगातार उल्टी और मतली
  3. मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
  4. रात में पसीना आना
  5. वजन घटना और भूख न लगना

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HIV and pregnancy(एचआईवी और गर्भावस्था)

अगर कोई महिला गर्भवती है और उसे एचआईवी संक्रमण है, तो यह संक्रमण उसके बच्चे में भी फैल सकता है।

बचाव के उपाय:

  • गर्भावस्था के दौरान एचआईवी टेस्ट कराना अनिवार्य है।
  • प्रसव के दौरान सी-सेक्शन और एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ARV) का उपयोग किया जाता है।
  • नवजात शिशु को स्तनपान कराने से बचना चाहिए, क्योंकि एचआईवी संक्रमित दूध से भी फैल सकता है।

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Symptoms of acute HIV in women(महिलाओं में तीव्र एचआईवी के लक्षण)

एचआईवी संक्रमण से बचने के लिए निम्नलिखित सावधानियाँ अपनाई जानी चाहिए:

  1. सुरक्षित यौन संबंध बनाएं: कंडोम का उपयोग करें और एक ही साथी के साथ रहें।
  2. नियमित एचआईवी परीक्षण कराएं: खासतौर पर यदि आप गर्भवती हैं या नए साथी के साथ संबंध बना रही हैं।
  3. संक्रमित रक्त और सुई से बचें: केवल प्रमाणित ब्लड बैंक से रक्त चढ़वाएं और स्वच्छ सुइयों का उपयोग करें।
  4. पीईपी (PEP) और प्रीपी (PrEP) थेरेपी का उपयोग करें: यह दवाएँ एचआईवी संक्रमण के खतरे को कम करने में मदद कर सकती हैं।
  5. स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम करें: शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत रखने के लिए पौष्टिक आहार लें।